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पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (PPF): पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (PPF) क्या है, सरकारी कर्मचारी के लिए PPF योजना बेस्ट है ,GPF की जगह PPF में कर सकते है नीवेस

 पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (PPF) क्या है :-

                                                                                      भारत में प्रचलित सबसे लोकप्रिय सेविंग स्कीम्स PPF Yojana  (बचत योजनाओं) में से एक है। चूँकि इस योजना को केन्द्रीय सरकार द्वारा ऑफर किया जाता है तो इस योजना में निवेश किये गए पैसे व रिटर्न सुरक्षित व गारंटीड होते हैं

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और पढ़े :-         सीनियर  सिटीजन सेविंग स्कीम 2023 क्या है ? SCSS स्कीम  में ब्याज दर,योग्यता,लाभ,खाता खोलने, पैसे जमा करने और निकालने के नियमों के बारे में  जानकारी

PPF में कितना ब्याज मिलता है : -

PPF बैलेंस पर ब्याज की कैल्कुलेशन हर महीने की जाती है और यह ब्याज राशि हर फाइनेंशियल वर्ष के अंत में PPF खाते में जमा की जाती है। सरकार द्वारा प्रत्येक तिमाही के लिए ब्याज दरों की घोषणा की जाती है। हर महीने, ब्याज राशि की कैल्कुलेशन हर महीने की 5 तारीख के बाद, महीने के आखिरी दिन तक के सबसे कम PPF बैलेंस पर की जाती है। इसलिए, PPF निवेशकों को प्रत्येक महीने की 5 तारीख से पहले अपने PPF खाते में कॉन्ट्रीब्यूशन करने की सलाह दी जाती है


न्यूनतम और अधिकतम निवेश: -

व्यक्तियों को न्यूनतम 500 रुपये सालाना का निवेश करने की आवश्यकता होती है। व PPF खाते में एक फाइनेंशियल वर्ष में अधिकतम निवेश 1.5 लाख रुपये तक किया जा सकता है।


टैक्सेशन ( टैक्स में छूट ):-

                                                PPF सर्वश्रेष्ठ टैक्स लाभ भी प्रदान करता है क्योंकि यह छूट-छूट-छूट (EEE) श्रेणी के अंतर्गत आता है। जिसका अर्थ है कि मूल राशि, मैच्योरिटी राशि और साथ ही अर्जित ब्याज पर टैक्स नहीं लगेगा


PPF में लोन लेने की सुभिधा : - 

                                                         एक PPF खाता धारक अपने PPF बैलेंस के बदले लोन ले सकता है। हालांकि, खाता खोलने की तारीख से केवल तीसरे वर्ष की शुरुआत और छठे वर्ष के अंत के बीच ही यह लोन लिया जा सकता है। अधिकतम लोन राशि PPF बैलेंस के 25 % तक लिमिटेड है ( दूसरे वर्ष के अंत में या लोन लागू होने वाले वर्ष में )।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) योजना की खुबीया क्या है :-

                                                                     पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) योजना भारत सरकार द्वारा समर्थित एक लोकप्रिय दीर्घकालिक निवेश विकल्प है। PPF Account आज भी निवेशकों के बीच में लोकप्रिय निवेश के रूप में प्रसिद्ध बना हुआ है। PPF Account में लोगों के विश्वास का एक प्रमुख कारण यह है कि – पीपीएफ में निवेश करने पर return में टैक्स बेनिफिट (Tax benefits) भी मिलता है। साथ ही मेच्योरिटी (maturity) के रूप में प्राप्त होने वाली पूरी रकम भी कर मुक्त (Tax free) होती है। पीपीएफ अकाउंट में गारंटीड रिटर्न भी लोगों में लोकप्रियता का एक प्रमुख कारण है।

Public Provident Fund Deposit Limit :-

                                                                 यदि आप पीपीएफ अकाउंट धारक हैं तो किसी विशेष वित्तीय वर्ष में डेढ़ लाख से अधिक जमा नहीं कर सकते हैं। यदि आप डेढ़ लाख की सीमा से अधिक जमा करते हैं तो भी आप डेढ़ लाख से अधिक जमा की गई राशि पर न तो ब्याज ले पाएंगे और न ही जमा की गई अतिरिक्त राशि पर कर (Tax) का लाभ मिलेगा। एक वित्तीय वर्ष के दौरान पीपीएफ खाते में आप न्यूनतम 500 रूपये की राशि और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये की राशि जमा कर सकते हैं।

PPF खाता खोलने आवश्यक दस्तावेज :-

  • PPF खाता खोलने का फॉर्म- फॉर्म A (यह फॉर्म किसी भी बैंक से प्राप्त किया जा सकता है जो PPF खाता खोलने के लिए अधिकृत है)
  • केवाईसी दस्तावेज – पहचान को वैरिफाई करने के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, या ड्राइविंग लाइसेंस
  • ऐड्रेस प्रूफ
  • पैन कार्ड
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो
  • नॉमिनी फॉर्म- फॉर्म E(यह फॉर्म किसी भी बैंक से प्राप्त किया जा सकता है जो PPF खाता खोलने के लिए अधिकृत है)

PPF की विशेषताएंलॉक-इन अवधि: 

                                                                 PPF 15 साल की लॉक-इन अवधि वाला एक लॉन्ग टर्म निवेश है। इसका मतलब यह है कि PPF खाते में जमा की गई राशि को मैच्योरिटी पर ही निकाला जा सकता है, जो कि 15 वर्ष है। ये अवधि पूरी होने पर इसे 5 साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है। समय से पहले विड्रॉल (पैसा निकालने) की अनुमति है लेकिन केवल इमरजेंसी में आप ऐसा कर सकता है
 
                                            

मृत्‍यु के बाद अंशदाता कीनामांकन और पुनर्भुगतान  FAQ :-


  1.  अंशदाता द्वारा एक या अधिक व्‍यक्तियों को नामित किया जा सकता है जो उसकी मृत्‍यु होने पर उसकी जमाराशि को प्राप्‍त कर सकता है। अवयस्‍क के बदले खाता खोलने पर कोई भी नामांकन नहीं किया जा सकता।
  2. अंशदाता द्वारा किए गए नामांकन को रद्द किया जा सकता है या नए नामांकन के साथ बदला जा सकता है।
  3. नामिती के अवयस्‍क होने पर अंशदाता द्वारा किसी व्‍यक्ति को नामित किया जा सकता है जो नामिती की अवयस्‍कता के दौरान अंशदाता की मृत्‍यु होने पर राशि प्राप्‍त कर सकता है।
  4. अंशदाता की मृत्‍यु होने की स्थिति में 15 वर्ष पूर्ण न होने के बावजूद उसके नामिती को उसके द्वारा जमाराशि दी जा सकती है।
  5. यदि अंशदाता की मृत्‍यु हो जाती है और किसी नामांकन का उल्‍लेख न होने पर खाते की राशि रु. एक लाख तक होने की स्थिति में उसे मरने वाले के कानूनी उत्‍तराधिकारी से उत्‍तराधिकार प्रमाणपत्र प्राप्‍त किए बिना सहयोगी आवश्‍यक दस्‍तावेजों के साथ आवेदन की प्राप्ति पर भुगतान किया जा सकता है। रु. एक लाख से अधिक राशि होने पर उत्‍तराधिकार प्रमाणपत्र प्रस्‍तुत करना अनिवार्य है।
  6. अंशदाता की मृत्‍यु होने पर पीपीएफ खाते के शेष पर ब्‍याज मिलना बंद नहीं होता। मृतक अंशदाता के नामिती/ कानूनी उत्‍तराधिकारी को जमा का भुगतान किए जाने वाले पूर्ववर्ती माह के अंत तक ब्‍याज दिया जाता है।
  7. चूंकि पीपीएफ खाते को एक व्‍यक्ति से दूसरे के पास हस्‍तांतरित नहीं किया जा सकता, अत: अंशदाता की मृत्‍यु होने पर नामिती द्वारा खाते को अपने नाम पर नहीं जारी रखा जा सकता।

N RI के लिए पीपीएफ अकाउंट:-

पीपीएफ अकाउंट सिर्फ भारत में रह रहे नागरिकों के लिए है। कोई विदेशी नागरिक या NRI इस अकाउंट को नहीं खुलवा सकता है।अगर कोई व्यक्ति पीपीएफ अकाउंट खुलवाने के बाद NRI हो जाता है तो वो खाते की मैच्योरिटी तक यानी पंद्रह साल पूरे होने तक खाते को जारी रख सकता है। इस बीच में वो पैसे भी जमा कर सकता है। पंद्रह साल के बाद पीपीएफ खाते के एक्सटेंशन की अनुमति नहीं है।हालांकि NRI होने के बाद आपको कभी भी अपना खाता बंद करने की भी अनुमति होती है।

ट्रांसफर की सुविधा:-

                                                        आप अपना निवास स्थान (Residence) बदलने पर या अन्य किसी कारण से भी अपने PPF Account को अपने नजदीक की SBI शाखा में Transfer भी करा सकते हैं। Account Transfer कराने के लिए किसी प्रकार का शुल्क (charge) नहीं लगता। यह Transfer तीन प्रकार से उपलब्ध होता है।

(Maximum PPF Benifit) पीपीएफ अकाउंट के फायदे:-

यदि आप पीपीएफ खाता धारक हैं और ब्याज के माध्यम से अधिकतम लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 5 अप्रैल को या इससे पहले पूरी राशि जमा करनी चाहिए। यदि आप एक साथ पूरी राशि जमा नहीं कर सकते हैं तो, प्रत्येक माह में 5 तारीख से पहले जमा करना चाहिए। इससे आपको पूरे महीने का ब्याज मिल जाता है                                     

                                                ।

उदाहरणस्वरूप- 
                         यदि आप प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 1 लाख रूपये की राशि अपने पीपीएफ खाते में डालते हैं। औसतन यदि प्रत्येक साल के लिए ब्याज 8% निर्धारित है तो 15 साल के अंत में आपके द्वारा 15 लाख जमा हो जाएगा। तो मैच्योरिटी के रूप में आपको 15 साल बाद 31.17 लाख रूपये मिलेगा। It is also mentioned that maturity amount will be fully tax free.


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