Gadar 2 Public Review:
सनी देओल और अमीषा पटेल स्टारर 'गदर 2' साल 2023 के मोस्ट अवेटेड सीक्वल में से एक है. फिल्म को लेकर फैंस में इतना क्रेज है कि इसकी रिकॉर्ड तोड़ एडवांस बुकिंग हुई है. अब फाइनली ये फिल्म 11 अगस्त यानी आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है.
फिल्म को लेकर पहले से ही जो बज बना हुआ है उसे देखकर माना जा रहा है कि यह सनी देओल के करियर की सबसे बड़ी ओपनर फिल्म होगी. वहीं अब 'गदर 2' का फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने वाले लोगों ने सोशल मीडिया पर इसका रिव्यू देना शुरू कर दिया है. चलिए जानते हैं तारा सिंह और सकीना की लव स्टोरी ने फैंस को कितना इम्प्रेस किया है.
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क्रिटिक्स की रेटिंग :-
इंडियन सिनेमा के लिए आज बड़ा दिन है। कोविड के बाद थिएटर्स में जबरदस्त भीड़ जुटी है और ट्रेड एक्सपर्ट्स अनुमान लगा रहे हैं कि जेलर, गदर 2 और ओएमजी 2 तीनों मिलकर बॉक्स ऑफिस पर 75 करोड़ तक जुटा लेंगे। फिलहाल जानते हैं कि मूवी क्रिटिक्स ने गदर 2 को कितनी रेटिंग दी। शुरुआत करें तरण आदर्श से तो उन्होंने गदर 2 को ब्लॉकबस्टर बताया है। फिल्म को साढ़े चार स्टार्स दिए हैं, जो कि सुपर से भी ऊपर हैं।
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क्रिटिक्स की रेटिंग :-
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'गदर 2' की रिलीज ने फिल्म प्रेमियों के बीच उत्साह बढ़ा दिया है. 11 अगस्त को नाटकीय शुरुआत करते हुए, फिल्म ने धमाकेदार शुरुआत की. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये बॉक्स ऑफिस पर 35 करोड़ रुपये की प्रभावशाली कमाई कर सकती है. साल 2001 में अपने पूर्ववर्ती की सफलता के बाद, 'गदर 2' महत्वपूर्ण उम्मीदों के साथ आई. अनिल शर्मा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में सिमरत कौर, लव सिन्हा और मनीष वाधवा भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं. ज़ी स्टूडियो और अनिल शर्मा प्रोडक्शंस द्वारा समर्थित, फिल्म में सफल परिणाम के लिए आवश्यक सभी तत्व मौजूद थे
फिल्म ‘गदर’ बंटवारे के दौर की कहानी
फिल्म ‘गदर’ बंटवारे के दौर की कहानी थी। फिल्म का गुणसूत्र ये था कि बंटवारे के दंगा फसाद में अपने परिवार से बिछड़ी एक मुस्लिम लड़की सकीना हमलावरों का शिकार होने ही वाली होती है कि एक ट्रक ड्राइवर तारा सिंह उसे आकर बचा लेता है। वह वहीं उसकी मांग भरकर उसे अपनी पत्नी भी बना लेता है। दोनों का एक प्यारा सा बेटा है जीते। तारा सिंह अपनी पत्नी को पाकिस्तान से वापस लाने की जो जद्दोजहद करता है, वही उसके प्रेम की ताकत के रूप में सामने दिखता है। इस बार कहानी 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध से ठीक पहले की है। सकीना के पिता अशरफ अली को तारा सिंह की मदद करने के आरोप में फांसी दी जा चुकी है। यहां जीते का मन पढ़ाई में कम और नाटक, नौटंकी में ज्यादा लगता है। तारा सिंह फौजियों को रसद आपूर्ति का काम करता है और एक दिन उसे राम टेकड़ी पर हुए पाकिस्तान हमले के बीच गोला बारूद पहुंचाने में सेना की मदद करनी होती है। हालात बिगड़ते हैं और खबर आती है कि तारा सिंह को पाकिस्तानी फौज ने बंधक बना लिया है। जीते उसकी तलाश में भेष बदलकर पाकिस्तान पहुंच जाता है। मामला तब बिगड़ता है जब तारा सिंह अपने घर पहुंच जाता है और जीते को पाकिस्तानी सेना आईएसआई की मदद से पकड़ लेती है।
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